
रिपोर्ट- सुनील सजवाण
टिहरी गढ़वाल/थत्यूड : रामलीला धार्मिक सांस्कृतिक एवं सामाजिक समिती थत्यूड के सौजन्य से आयोजित रामलीला मंचन के सप्तम दिवस मे लंका नरेश रावण ने छली साधु का वेश धारण कर मॉ सीता का हरण किया।
सप्तम दिवस की रामलीला मे रावण की वहन शूर्पनखा अपने भाई रावण को पंचवटी मे रह रहे राम , लक्ष्मण व सीता व लक्ष्मण द्वारा नाक काटे जाने की जानकारी देती है।
जिसके बाद रावण मामा मारीच के पास जाता है और छली मृग बनकर पंचवटी मे जाने को कहता है रावण के भय के कारण रामभक्त मामा मारीच छली सोने के मृग का रूप धारण कर पंचवटी मे पंहुचता है जंहा मॉ सीता के कहने पर प्रभु राम मृग का पीछा करते है मायावी मारीच की माया के चलते लक्ष्मण भी लक्ष्मण रेखा खींच मॉ जानकी को अकेला पंचवटी मे छोड प्रभु राम जी की रक्षा के लिए निकल जाते है।
वंही पंचवटी मे अकेले मॉ जानकी सीता को देख साधु वेश धारण कर रावण भीक्षा मांगने आता है और मॉ जानकी सीता को लक्ष्मण रेखा से बाहर आने को कहता है जहा मॉ सीता लक्ष्मण रेखा से बाहर आती है रावण अपने वास्तविक रूप मे आ जाता है और मॉ सीता का हरण करने लगता है उसी समय जटायु से रावण का युद्व होता है और जटायु को घायल करके रावण सीता का हरण कर लंका मे लेकर जाता है।
रामलीला मंचन मे राम का अभिनय मनोज भट्ट, लक्ष्मण प्रवीन पंवार, सीता केशव गौड , रावण संदीप शाह, मारीच बिमल नौटियाल, शुर्पणखा मुनिम प्रधान आदी ने किया।
सप्तम दिवस की रामलीला मे अतिथी भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष विरेन्द्र चन्देल, पूर्व जेष्ठ उप प्रमुख महिपाल सिंह रावत, बालिका इण्टर मीडिएट कालेज थत्यूड की प्रधानाचार्य श्रीमती ऊषा महरा, हरीश गौड आदी थे।

इस अवसर पर रामलीला समिती के अध्यक्ष गजेन्द्र असवाल, हरीलाल, राम प्रकाश भट्ट, कमल किशोर नौटियाल, हरीश नौटियाल, दीपक सकलानी, शांती प्रसाद चमोली, मुलायम दास आदी मौजूद थे।
मंच का संचालन प्रसिद्ध मंच उद्घोषक सुनील सजवाण ने किया।
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